सेकेंड हैंड कार पर लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
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आइये जानते हैं कि सेकेंड हैंड कार क्या है?
सेकेंड हैंड कार अनिवार्य रूप से एक ऐसी कार होती है जिसका पहले से ही एक या अधिक मालिकों द्वारा उपयोग किया जा चुका है। यह कार चलने योग्य स्थिति में होती हैं और नई कार की तुलना में बेहद कम दाम पर मिल भी जाती हैं। CRISIL की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 4.2 मिलियन भारतीय सेकेंड हैंड कार चला रहे हैं और लॉकडाउन के दौरान सेकेंड हैंड कार की बिक्री में 115% की वृद्धि हुई है।
To Avail Used Car Loans
Apply Nowसेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए लोन प्राप्त करना आसान है क्योंकि ऐसे कई वित्तीय संस्थान हैं जो पुरानी कार पर लोन उपलब्ध करवाते हैं। सेकेंड हैंड कार पर लोन प्रोसेसिंग की पूरी जिम्मेदारी इन संस्थानों की रहती है। अब जानते हैं उन आवश्यक बातों को जिन्हें आपको ध्यान में रखना है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 30 लाख की बीएमडब्ल्यू कार को सेकेंड हैंड खरीदने पर उसे नई कार के महज एक तिहाई हिस्से में खरीदा जा सकता है। क्या हुआ पढ़ कर हैरान हो गए? सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने का यही फायदा होता है कि आप कम कीमत में एक महंगी लग्जरी गाड़ी के मालिक बन सकते हैं। मगर जरुरी है कि गाड़ी का चयन करते समय आप अपने घर का मासिक खर्च, बच्चों के स्कूल का खर्च और अन्य ईएमआई के भुगतान इत्यादि को ध्यान में रखें। सेकेंड हैंड कार फाईनेंस हो सकती है, इस बात की खुशी में आपको ये नही भुलना की आपको अपने घर के अन्य खर्च भी निकालने हैं।
लोन की राशि को एक अधिकारी द्वारा अप्रूव किया जाता है जिसे लोन देने वाली कंपनी द्वारा नियुक्त किया जाता है। यह अधिकारी सेकेंड हैंड कार की स्थिति को अच्छे से जांचता है और लोन राशि की मंजूरी देता है। लोन की राशि अधिकतर मूल्यांकन की गई राशि का 70-80% हिस्सा होती है। कुछ मामलों में यदि आपको उच्च एलटीवी (लोन टू वैल्यू) मिलता है, तो आप अपनी जेब से ज्यादा खर्च किए बिना इसके अधिकांश भाग का भुगतान करने में सक्षम हो सकते हैं। यह केवल तभी होता है जब आपको वाहन की कीमत के बराबर लोन राशि की मंजूरी मिल जाए।
पात्रता:
यदि कार का इंश्योरेंस हो रखा है तो आप इंश्योरेंस कंपनी से यह पता लगा सकते हैं कि अतीत में वाहन पर इंश्योरेंस तो नही ली गई। वाहन खरीदने से पहले यह आश्वस्त करें कि सभी कागजात सही और प्रामाणिक हैं। विक्रेता से रजिस्ट्रेशन बुक(जहां रजिस्ट्रेशन की तारीख हो), टैक्सेशन बुक (टैक्स भुगतान की स्थिति), चालान (चेसिस नंबर, इंजन नंबर, डिलीवरी की तारीख, आदि), पीयूसी प्रमाण पत्र और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त करें। गाड़ी बेचने वाले व्यक्ति को ट्रांसफर के दो सप्ताह के भीतर आरटीओ को भी सूचित करना होगा ताकि कागजी कार्यवाही बिना किसी परेशानी के पूर्ण हो जाएं। हमेशा याद रखें, सेकेंड हैंड कार प्रॉपर डाक्यूमेंटेशन के साथ ही खरीदें।
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यदि आपको सेकेंड हैंड कार लोन लेने की परेशानी में नही पड़ना तो आप पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकते हैं और इसका इस्तेमाल पुरानी कार खरीदने के लिए कर सकते हैं। पर्सनल लोन की अवधि लंबी होती है और साथ ही आपको कार की पूरी कीमत जितना लोन भी मिल जाएगा। मतलब आपको अपनी जेब से कोई पैसा डालने की जरूरत भी नही पड़ेगी।
इतनी सब जानकारी पाने के बाद यदि आप भी सेकेंड हैंड कार लोन या पर्सनल लोन लेकर अपने सपनों की गाड़ी लेने का मन बना चुके हैं तो इसके लिए आपको हीरोफिनकॉर्प की वेबसाइट पर आना होगा। सेकेंड हैंड कार पर ब्याज दर कम पाने के लिए, आप हीरोफिनकॉर्प का विकल्प चुन सकते हैं। यहां पर आप अपनी क्षमता अनुसार सेकेंड हैंड कार पर लोन अवधि तय कर सकते हैं, जिससे आपको भुगतान करने में अधिक कठिनाई नही होगी। अब ज्यादा न सोचे और आज ही विजिट करें हीरोफिनकॉर्प की वेबसाइट और अपना सेकेंड हैंड कार लोन अप्लाई करें।
- अपने बजट अनुसार खरीद करें
- सेकेंड हैंड कार लोन की राशि
- दस्तावेज़ और पात्रता
- निवासी भारतीय, 18 वर्ष से अधिक आयु
- नौकरीपेशा: न्यूनतम 2 वर्षों से कार्यरत हो और वर्तमान कंपनी में 6 महीने बिता चुका हो
- बिजनेसमैन: वर्तमान बिजनेस को करते हुए लगभग 1 वर्ष हो चुका हो
- दस्तावेज़:
- पहचान और पते के प्रमाण (केवाईसी दस्तावेज)
- आय प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- वाहन के कागजातों की पुष्टी
- पर्सनल लोन भी है एक विकल्प