भारत में, ट्रेडमार्क पंजीकरण, पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क के महानियंत्रक द्वारा किया जाता है, जो भारत सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है। ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ट्रेडमार्क अधिनियम 1999 के अनुसार किया जाता है। पंजीकरण कंपनी को किसी अन्य संस्था या आपके ट्रेडमार्क की नकल बनाने या उसका शोषण करने वाले व्यक्ति पर शिकायत करने या मुकदमा करने का अधिकार देता है।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार द्वारा ट्रेडमार्क पंजीकृत होने के बाद, कंपनी को ® प्रतीक के साथ पंजीकृत ट्रेडमार्क का उपयोग करने की अनुमति मिल जाती है। यह पंजीकरण की तारीख से 10 साल के लिए वैध रहता है। कंपनी को आवेदन करने के 3 दिन बाद टीएम सिंबल का इस्तेमाल करना होता है। हालांकि, ® प्रतीक प्राप्त करने के लिए, आपको 2 वर्ष तक भी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
ट्रेडमार्क पंजीकृत करने का मूल उद्देश्य रचनात्मक और अनूठे विचारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है। इसलिए, ट्रेडमार्क पंजीकरण केवल अनूठे ट्रेडमार्क के लिए ही किया जा सकता है, जैसा कि भारतीय ट्रेडमार्क प्राधिकरण द्वारा तय किया गया है। इसलिए, सर्वप्रथम सुनिश्चित करें कि आपका ट्रेडमार्क अनूठा है और कहीं से कॉपी नहीं किया गया है या किसी अन्य ट्रेडमार्क से मिलता-जुलता नही है।
यह चेक करने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ट्रेडमार्क डेटाबेस में चेक कर सकते हैं कि आपके द्वारा सबमिट किया गया ट्रेडमार्क पहले से किसी अन्य द्वारा इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है। इस वेबसाइट पर हर प्रकार के ट्रेडमार्क की पूरी सूची प्रस्तुत हो जाती है। इसके साथ ही यहां आपको पंजीकृत, लागू, विरोध, आपत्ति या छोड़े गए ट्रेडमार्क के बारे में भी पता चल जाता। यदि आपका ट्रेडमार्क वेबसाइट पर मौजूद ट्रेडमार्क से मेल खाता है, तो परिणाम वेबसाइट पर प्रदर्शित होगा।
हालांकि, यदि आपका ट्रेडमार्क अनोखा है और वेबसाइट पर किसी से मेल नहीं खाता है, तो परिणाम 'कोई मिलान नहीं मिला' होगा। यदि आपको यह परिणाम मिलता है, तो आपका ट्रेडमार्क सबसे अलग है और आप अपने ट्रेडमार्क पंजीकरण की प्रक्रिया को आगे बड़ा सकते हैं।
एक बार जब आप अपने ट्रेडमार्क की विशिष्टता की जांच कर लेते हैं तो आप इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक रूप से ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन आवेदन दाखिल कर सकते हैं। यदि आप एक व्यक्ति, लघु उद्यम या स्टार्ट-अप हैं, तो आवेदन को भौतिक रूप से दर्ज करने के लिए आपको शुल्क के रूप में 5000 रुपये के साथ अपने शहर के रजिस्ट्री कार्यालय में जाकर फॉर्म टीएम-ए जमा करना होगा।
किन्तु यदि आप अपना ट्रेडमार्क पंजीकरण ऑनलाइन करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको 4500 रुपये का भुगतान शुल्क के तौर पर करना पड़ सकता है। आवेदन के सफल समापन के बाद, आपके टीएम नंबर के साथ आपको एक डिजिटल रसीद मिल जाती है।
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एक बार आवेदन दायर करने के बाद, सटीकता निर्धारित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार द्वारा इसकी जांच की जाएगी। रजिस्ट्रार निरीक्षण करेगा कि क्या लागू ट्रेडमार्क, ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 के तहत निर्दिष्ट सभी नियमों का पालन करता है।
इसके अलावा, रजिस्ट्रार यह सुनिश्चित करेगा कि आवेदन में उल्लिखित ट्रेडमार्क सबसे अलग है और किसी भी मौजूदा ट्रेडमार्क से मिलता जुलता तो नहीं है। यदि रजिस्ट्रार उनके निष्कर्षों से संतुष्ट हैं तो वे आपके आवेदन को स्वीकार करेंगे और इसे ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित करेंगे। हालांकि, अगर उन्हें कोई त्रुटि मिलती है, तो वे आपत्तियां उठा सकते हैं।
ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 9 और 11 के प्रावधानों के अनुसार रजिस्ट्रार द्वारा आपके ट्रेडमार्क पर आपत्तियां उठाई जा सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो आवेदक को आपत्तियों का जवाब देना होगा और यह साबित करना होगा कि उनका ट्रेडमार्क मौजूदा ट्रेडमार्क के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है।
वैसे देखा जाए तो ऑनलाइन ट्रेडमार्क पंजीकरण वास्तव में एक सरल प्रक्रिया है। इसके अतिरिक्त, जब आप ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं तो शुल्क भी कम लगता है। हालांकि, सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन आवेदन दाखिल करते समय आपके पास पहले से सभी दस्तावेज मौजूद हो। आशा करते हैं कि इस लेख में आपके सवाल ट्रेडमार्क क्या है और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे होती है, दोनो का जवाब मिल गया होगा।