How to Track Personal Loan Application Status Online?
Personal Loans are the best funding options for people who nee . . .
Apply for Instant Loan
सुरेश जी(55 वर्ष ), दक्षिणी दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं और घर के पास ही उनका शोरूम है। सुरेश जी को अपने शो-रूम का विस्तार करने के लिए धन की आवश्यकता पड़ी । सुरेश जी के एक मित्र ने जो किसी वित्तीय संस्थान में काम करता है, उन्हें संपत्ति लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) लेने की सलाह दी। उनके मित्र ने संपत्ति लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) के बारे में सुरेश जो को महत्वपूर्ण बाते बताईं, जो इस प्रकार हैं :
1. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) क्या है :
जब कोई व्यक्ति अपनी निजी संपत्ति को किसी वित्तीय संस्थान के पास लोन लेने के लिए गिरवी रखता है तब यह प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) कहलाती है।
2. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) की मुख्य विशेषताएँ:
इस लोन की ब्याज दर, पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है;
व्यक्ति अपनी संपत्ति के विक्रय मूल्य का 75% तक के मूल्य का लोन ले सकता है;
लोन लेने के लगभग 5 वर्ष बाद प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी) पूरा चुकाया जा सकता है;
प्रॉपर्टी लोन सबसे अधिक सुरक्षित होता है;
यह लोन अधिकतम 20 वर्ष के लिए लिया जा सकता है;
3.पर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) से होने वाले लाभ :
सुरेश जी को प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) लेने के फायदे पता लगे जो इस प्रकार हैं:
यह लोन किसी भी अन्य लोन की तुलना में बहुत सरल प्रोसेस के बाद मिल जाता है।
प्रॉपर्टी लोन किसी भी अन्य काम पर खर्च किया जा सकता है।
लोन लेने के लिए गिरवी रखी जाने वाली प्रॉपर्टी किसी भी प्रकार की हो सकती है।
अगर कोई व्यक्ति चाहे तो एक बार गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी पर दोबारा लोन ले सकता है जिसे टॉपअप लोन भी कहा जाता है।
निजी लोन की तुलना में प्रॉपर्टी लोन संबंधित व्यक्ति की जेब पर भारी नहीं होता है।
4. कौन ले सकता है प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) :
सुरेश जी को पता लगा कि उन जैसे प्रतिष्ठित व्यापारी के अतिरिक्त निम्न लोग भी यह लोन ले सकते हैं:
किसी सरकारी संस्थान में नियमित वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारी;
वो व्यक्ति जो निजी व्यवसायी हैं और आय कर का भुगतान करने के साथ ही 24-65 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्ति हैं;
निजी संस्थानों में कार्यरत नियमित वेतन पाने वाले कर्मचारी;
निजी काम करने वाले पेशेवर जैसे डॉक्टर, वकील, आदि;
5. महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको प्रॉपर्टी लोन को प्रभावित कर सकते है:
कोई भी वित्तीय संस्थान आपकी प्रॉपर्टी पर लोन देने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखते हैं जो हैं:
प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पेपर्स ;
प्रॉपर्टी की मार्किट वैल्यू ;
लोन लेने वाले व्यक्ति की जरूरत और उसकी पात्रता;
लोन लेने वाले व्यक्ति की आय;
लोन लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर;
6. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) किस प्रकार की संपत्ति पर मिल सकता है:
लोन लेने के लिए गिरवी रखी जाने वाली प्रॉपर्टी, मकान, दुकान, शोरूम, फैक्ट्री या ऑफिस में से कुछ भी हो सकता है।
7. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) के लिए लगने वाले जरूरी प्रमाण पत्र(दस्तावेज़):
पहचान प्रमाण पत्र
निवास स्थान प्रमाण पत्र
जन्म प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
लोन की राशि मिलने के समय प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज़, प्रोसेसिंग फ़ीस के लिए चेक, प्रॉपर्टी इन्स्योरेन्स फॉर्म आदि।
8. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) क्यों लेना चाहिए:
इस लोन को आप इनमें से किसी में भी खर्च कर सकते हैं:
व्यावसायिक विस्तार
प्लांट/मशीनरी खरीद
प्रोजेक्ट के लिए वित्त
पहले लिया हुआ किसी बिज़नेस लोन का भुगतान
किसी नयी संपत्ति की खरीद
9. प्रॉपर्टी लोन(लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी ) लेने से पहले क्या ध्यान में रखना चाहिए
सुरेश जी को उनके मित्र ने लोन लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखने के लिए कहा जैसे:
लोन लेने से पहले अपनी जरूरत का सही मूल्यांकन करें;
लोन लेने से पहले अपनी एलीजीबिलिटी की सही जांच कर लें और तब लोन लेने का मन बनाएँ;
लोन लेने से पहले विभिन्न वित्तीय संस्थानों के ऑफर्स जाँच कर, सबसे कम ब्याज दर और आवश्यकता अनुसार अवधि वाले लोन ही लें;
लोन के भुगतान का प्लान पहले बना लें;
लोन लेने से पहले सभी शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ें;
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जब सुरेश जी ने अपने मकान के विरुद्ध लोन लेने का मन बना लिया। उनके मित्र ने तब उनकी सहायता करने के लिए हीरो फिनकॉर्प का नाम सुझाया। सुरेश जी ने इस वित्तीय संस्थान की वेबसाइट पर वह सभी लाभ देखे जो उनके मित्र ने बताए थे। इसके साथ ही सुरेश जी अपने मकान पर लोन लेने के लिए हीरो फिनकॉर्प के लोन अधिकारी से तुरंत संपर्क किया।
The act of paying out money for any kind of transaction is known as disbursement. From a lending perspective this usual implies the transfer of the loan amount to the borrower. It may cover paying to operate a business, dividend payments, cash outflow etc. So if disbursements are more than revenues, then cash flow of an entity is negative, and may indicate possible insolvency.
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