इस सूची में सबसे पहली योजना पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधान मंत्री मुद्रा योजना है, जिसमें माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी बैंक और वित्तीय संस्थानों को कम दरों पर लोन प्रदान करते हैं। यह बैंक और संस्थान आगे स्टार्टअप और एमएसएमई को कम-ब्याज दर पर बिज़नेस लोन प्रदान करते हैं। प्रधान मंत्री मुद्रा योजना भारतीय उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई, अपनी तरह की योजनाओं में से एक है। मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का बिज़नेस लोन लिया जा सकता है।
श्रेणी 1:शिशु, जो नए व्यवसायों के लिए है। इसके तहत 50,000 रुपये तक का लोन लिया जा सकता है।
श्रेणी 2: किशोर, जो एक मध्यम आयु वर्ग का व्यवसाय है। इसमे 5 लाख रुपये तक का लोन मिल जाता है।
श्रेणी 3: तरुण, जो एक मौजूदा, अनुभवी व्यवसाय है। इसमे 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है।
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CGTSME भारत में MSME मंत्रालय द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी स्टार्टअप लोन योजनाओं में से एक है। इस सरकारी योजना के तहत, पात्र स्टार्टअप और MSMEs को 1 करोड़ रुपये तक का गारंटी मुक्त लोन प्रदान किया जाता है। लोन क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) नामक ट्रस्ट के माध्यम से वितरित किया जाता है। इस योजना के संदर्भ में और अधिक जानने के लिए आप MSME मंत्रालय और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की वेबसाइट या शाखा जा सकते हैं।
मौजूदा और नई निर्माण इकाइयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ZED या जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट मिशन निर्माताओं को उच्च गुणवत्ता और शून्य दोषों के साथ बेहतर उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अंतर्गत निर्माताओं को विश्व स्तरीय निर्माण प्रक्रियाओं को अपनाने में सक्षम बनाने और टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करना सुनिश्चित किया जाता है। इस योजना के तहत निर्माताओं को उत्पादों में शून्य दोष सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता, और टेक्नोलॉजी और उपकरण दोनों प्रदान करने में सहायता की जाती है।
सरकार स्पष्ट रूप से जानती है कि टेक्नोलॉजी वह उपकरण है जो भारतीय स्टार्टअप और एमएसएमई को विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में मदद कर सकती है। यही कारण है कि क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी फॉर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन (CLCSS) योजना की शुरूआत की गई, जिसमें सरकार MSMEs को उनकी तकनीक को अपग्रेड करने और उनके व्यवसाय के लिए एक अत्याधुनिक तकनीकी प्लेटफॉर्म लागू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सीएलसीएसएस के तहत, सरकार भारत में स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के लिए 1 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए 15% सब्सिडी प्रदान करती है।
डिजाइन और इनोवेशन किसी भी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होता हैं, और प्रत्येक स्टार्टअप और एमएसएमई के पास अपने बिज़नेस के लिए एक डिजाइन-केंद्रित दृष्टिकोण होना चाहिए। छोटे व्यवसायों को अपने उत्पादों के लिए नए डिजाइनों को प्रयोग करने और आजमाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु, MSME मंत्रालय ने डिज़ाइन क्लिनिक बनाया है।
इस सरकारी योजना के तहत, सरकार डिजाइन सेमिनार में भाग लेने के लिए 60,000 रुपये तक और एक सेमिनार की लागत का 75% तक की सहायता प्रदान करती है, जिसमें उद्यमी या उनकी टीम डिजाइन सिद्धांतों को सीख और लागू कर सकती है और उनके बारे में अधिक जान सकती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से, उद्यमी अन्य डिजाइनरों, से नवीनतम रुझानों और प्रथाओं के बारे में जान सकते हैं और डिजाइन से जुड़ी बारिकियों को सीख सकते हैं। एमएसएमई, नए व्यवसाय, स्टार्टअप और एजेंसियां इस डिजाइन क्लिनिक के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इनोवेशन के एक नए पोर्टल में प्रवेश कर सकते हैं।
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यदि आप बिज़नेस के लिए सरकारी सब्सिडी लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको किसी सरकारी बैंक में जाकर इस विषय में जानकारी हासिल करनी होगी। जहां अधिकारी आपकी जरूरत के मुताबिक आपको उपयुक्त योजना के बारे में बताएगा। इसके अलावा आप MSME मंत्रालय की वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आपको पता चल गया होगा कि बिज़नेस के लिए सरकारी मदद कैसे ले सकते हैं और सरकार द्वारा बिज़नेस लोन से जुड़ी कौन कौन सी योजनाओं की शुरूआत की गई है। इन योजनाओं के बारे में अच्छे से पढ़ें और सुनिश्चित करें कि आप किस योजना का लाभ उठाना चाहेंगे।
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