How to Track Personal Loan Application Status Online?
Personal Loans are the best funding options for people who nee . . .
Apply for Instant Loan
आज के बदलते दौर में बढ़ती ज़रूरतों और बढ़ती महंगाई के बीच इंसान को अक्सर समझौते करने पड़ते हैं। हालांकि, इस दौर में आम जनता को आसानी से उपलब्ध जानकारी भी बढ़ी है। पहले जहां सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों की स्कीम, नियम आदि जानने के लिए लोगों को खूब भागदौड़ करनी पड़ती थी, वहीं अब अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर कुछ टैप के साथ ही हमें सही और क्रम से जानकारी मिल जाती है। ऐसे में कार, घर, पढ़ाई और बहुत सी ज़रूरतों पर समझौता न करना आसान हो गया है। इन सभी ज़रूरतों के लिए अलग अलग तरह के लोन और वित्तीय मदद उपलब्ध हैं।
अगर सही पंजीकृत संस्थान से लोन लिया जाए तो उसका बहुत लाभ होता है। लोन लेने वाले के पास सभी बातों को पूरा रिकॉर्ड रहता है जो सरकार और कानून द्वारा मान्य होता है। लोन के दस्तावेज़ों के आधार पर उसे टैक्स फ़ाइल करते समय आयकर और कई फ़ायदे मिल सकते हैं। किसी भी तरह का लोन लेने के लिए आपके सिबिल (CIBIL) स्कोर की जांच की जाती है। ये ठीक एक ओटीपी की तरह है जो किसी ऐप या आपके लॉगिन की पुष्टि करता है। बस यहां आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की पुष्टि की जाती है। इससे देखा जाता है कि बैंक या कंपनी द्वारा जिस व्यक्ति को लोन दिया जा रहा है वह कितना भरोसेमंद है। सिबिल स्कोर 300 से 900 पॉइंट्स के बीच तय है। सिबिल स्कोर पर दो अहम बातें निर्भर करती हैं -
किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर जितना ज़्यादा होता है उसे लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं कम सिबिल स्कोर होने से व्यक्ति वित्तीय मामलों में कम भरोसेमंद माना जाता है और उसे लोन देने की संभावना कम हो जाती है।
हर संस्थान या बैंक ऐसे व्यक्ति को लोन देना चाहता है जो उन्हें समय पर ब्याज (Interest) के साथ नियमित ईएमआई में पैसे चुका सके। बेहतर सिबिल स्कोर वाले लोगों इस मामले में कम सिबिल स्कोर वाले लोगों से आगे होते हैं। साथ ही, बैंक अच्छे सिबिल स्कोर वाले लोगों को लोन कम ब्याज पर लोन देती है। यह उनकी अच्छी वित्तीय आदतों, फ़ैसलों का इनाम और प्रोत्साहन माना जा सकता है। वहीँ अगर किसी ने लोन चुकाने में देरी या गड़बड़ की है, तो उसे अधिक ब्याज पर लोन मिलेगा। ऐसे मामलों में ब्याज बढ़ाकर बैंक लॉन्ग टर्म में कुछ रकम सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं।
सिबिल स्कोर को इन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
750 या ज़्यादा | बेहतरीन स्कोर |
701-750 | औसत स्कोर |
601-700 | कम स्कोर |
300-600 | ख़राब स्कोर |
NA/NH | ‘Not Applicable’ (लागू नहीं) या ‘No History’ (क्रेडिट इतिहास मौजूद नहीं) |
अपने क्रेडिट स्कोर को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। यह स्कोर जारी करने वाली संस्था या उस संस्था से क्रेडिट स्कोर पाने वाले अन्य ऐप, पोर्टल पर कुछ जानकारी देकर आप अपना क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट इतिहास की रिपोर्ट पा सकते हैं।
अगर आपको समय पर अपने सिबिल स्कोर के बारे में पता चल जाता है, तो आप इसे सुधारने के लिए कुछ ज़रूरी कदम उठा सकते हैं। इस समय, आधार कार्ड से सिबिल चेक करना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए कि सिबिल स्कोर की रिपोर्ट पाने के लिए आपको आधार के अलावा कुछ और जानकारी भी सबमिट करनी पड़ती है। साथ ही, यह एक निजी वेबसाइट से मिलती है जो सरकारी दस्तावेज़ या उसकी साइट की तरह काम नहीं करती।
हालांकि, आप वेबसाइट पर अपना आधार नंबर इस्तेमाल करके अपने पहचान प्रमाण के तौर पर आधार नंबर दे सकते हैं, लेकिन केवल आधार नंबर का इस्तेमाल करके CIBIL जांचना संभव नहीं है।
अपने CIBIL स्कोर और CIBIL रिपोर्ट की जांच करने के लिए कई अन्य तरीके भी हैं। क्रेडिट ब्यूरोज़ एक छोटी फीस के बदले में एक विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट जारी करते हैं जो कर्ज़दारों की कर्ज़ योग्यता की जांच करने और उधार देने वाली संस्थाओं को कर्ज़दार के भरोसे का विश्लेषण करने की अनुमति देता है। जैसा कि पहले बताया गया था, अपने प्रोमोशन के लिए या रजिस्टर हुए उपयोगकर्ता बढ़ाने के लिए, कई अन्य वेबसाइटें भी मुफ़्त में CIBIL स्कोर जांचने की सेवाएं देती हैं।
सिबिल स्कोर चेक करने के लिए, आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पहचान की पुष्टि के लिए आधार कार्ड नंबर बाकी जानकारी के साथ सबमिट किया जा सकता है। ध्यान रहे कि हर किसी को अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाता, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर आदि पूरी रिसर्च के बाद और सोच समझकर सही वेबसाइट पर साझा करनी चाहिए।
ध्यान दें कि पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइवर लाइसेंस और राशन कार्ड सभी पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। सिबिल से एक विस्तृत क्रेडिट रिपोर्ट पाने के लिए, आपको फीस देकर इसकी सेवाओं की सदस्यता लेनी होगी।
इन वेबसाइटों या ऐप्लिकेशन्स पर आधार कार्ड से सिबिल चेक करना भी संभव नहीं है। वे सिबिल डेटा देने के लिए पैन कार्ड का इस्तेमाल करती हैं। धीरे धीरे आधार कार्ड का दायरा सिर्फ़ पहचान के साधन से बढ़कर अन्य क्षेत्रों में फ़ैल रहा है। आशा है कि आधुनिक दौर में सिर्फ़ आधार कार्ड से ही यह और कई अन्य काम हो जाएं।
आज के दौर में वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अपने सिबिल स्कोर को समझना और सुधारना महत्वपूर्ण है। एक अच्छा सिबिल स्कोर वित्तीय दृष्टिकोण से मजबूती प्रदान करता है और उपयोगकर्ता को लोन और क्रेडिट के प्राप्ति में सुविधा देता है। सिबिल स्कोर की जांच से व्यक्ति को उसकी वित्तीय स्थिति का ठीक से अंदाजा होता है और वह अपनी वित्तीय योजनाओं को समझाता है। इससे वित्तीय संवेदनशीलता बढ़ती है और संभावित वित्तीय निर्णयों को सोच-समझकर लिया जा सकता है।
आधार कार्ड के माध्यम से सिबिल स्कोर की जांच सरलता प्रदान करती है। यह एक तेज़ और प्रभावी प्रक्रिया होती है जिससे उपयोगकर्ता अपने स्कोर को आसानी से जांच सकता है और आवश्यकतानुसार सुधार कार्यवाही कर सकता है। इसके अलावा, आधार कार्ड से सिबिल चेक करना सुरक्षित भी होता है और उपयोगकर्ता को समय और प्रयास बचाता है। इस तरीके से वित्तीय विवेकपूर्णता में सुधार किया जा सकता है और व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में स्थिरता लाई जा सकती है।1. आधार कार्ड से सिबिल चेक करने के लिए क्या आवश्यकता है?
आपको सिबिल चेक करवाने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं होती है। सिबिल चेक के लिए आपको अपने नाम, पता, पैन कार्ड नंबर और अन्य कुछ व्यक्तिगत जानकारी की आवश्यकता होती है।
2. आधार कार्ड का सिबिल चेक में कैसे उपयोग किया जाता है?
आधार कार्ड सिबिल चेक में सीधे रूप से उपयोग नहीं किया जाता है। सिबिल चेक के लिए एक क्रेडिट ब्यूरो को आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की जांच करने के लिए आपकी सहमति और अनुमति की आवश्यकता होती है।
3. क्या आधार कार्ड से सिबिल चेक करने के लिए कोई शुल्क लगता है?
नहीं, आधार कार्ड से सिबिल चेक करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। यह सेवा नि:शुल्क है और आप इसे आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध कर सकते हैं।
4. आधार कार्ड से सिविल स्कोर की जांच कितने समय में की जा सकती है?
आधार कार्ड से सिविल चेक करें, यह प्रक्रिया ऑनलाइन कुछ मिनटों में पूरी हो सकती है, जो तेज और सरल है।The act of paying out money for any kind of transaction is known as disbursement. From a lending perspective this usual implies the transfer of the loan amount to the borrower. It may cover paying to operate a business, dividend payments, cash outflow etc. So if disbursements are more than revenues, then cash flow of an entity is negative, and may indicate possible insolvency.
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