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ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया
इनकम टैक्स रिटर्न एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपनी आय, कर कटौती, निवेश इत्यादि की पूर्ण सूची सरकार को देता है। आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देश का प्रत्येक नागरिक यदि एक निर्धारित राशि से अधिक पैसे कमाता है, तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य होता है। आयकर विभाग इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दो तरीके उपलब्ध करवाता है। एक तरीका है ऑफलाइन, जिसमे करदाता व्यक्तिगत रूप से आयकर विभाग जाकर सही से भरा हुआ आयकर फार्म और आवश्यक दस्तावेज जमा करवा कर इनकम टैक्स रिटर्न भरता है। इसके अलावा आप चाहें तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग ऑनलाइन भी कर सकते हैं। अब यदि आप ऑनलाइन आयकर रिटर्न भरने का तरीका जानना चाहते हैं तो हमारी यह इनकम टैक्स ई फाइलिंग गाइड आपकी काफी मदद कर सकती है। मगर आइये पहले जानते हैं कि इनकम टैक्स आखिर होता क्या है।
 

इनकम टैक्स क्या है


आयकर आपकी आय पर लगने वाला डायरेक्ट टैक्स होता है। इसका मतलब है कि आपकी आय का एक हिस्सा सरकार को दिया जाता है। सरकार इस राशि को स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और देश के बुनियादी ढांचे आदि व्यवस्थायों को बेहतर बनाने में इस्तेमाल करती है। एक वित्तीय वर्ष में आय के स्तर या लाभ के आधार पर एक व्यक्ति या संस्थान कर का  भुगतान करता है। एक संस्थान या कंपनी को आय के स्तर की परवाह किए बिना आयकर का भुगतान करना पड़ता है।
 

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कैसे करें?


आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग ऑनलाइन करने से पहले अपने करों का भुगतान करना होता है। यदि आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति हैं, तो आपका अधिकांश कर आपकी कंपनी द्वारा आपके वेतन से टीडीएस के रूप में काट कर भर दिया जाता है। यदि आप एडवांस कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, तो आपको प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले इसका 90% का भुगतान करना होगा। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

आईटीआर फाइल करने की विंडो आम तौर पर संबंधित असेसमेंट ईयर की 31 जुलाई तक खुली रहती है। हालाँकि, ITR फाइल करने की नियत तारीख बढ़ाई जा सकती है, और IT विभाग विभिन्न माध्यमों से इसकी सूचना दे देता है। तय तारीख के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करना हमेशा उचित होता है। यह ध्यान देने योग्य है कि निर्धारित तारीख के भीतर आईटीआर फाइल करने में विफल होने पर आपको 5,000 रुपये की लेट फीस भरनी पड़ सकती है।

आइये अब जानते हैं ऑनलाइन रिटर्न भरने की विधिः

 
  • चरण 1: आय और कर की गणना

    जैसे कि आपने उपरोक्त भूमिका में पढ़ा की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए करदाता को अपनी आय की गणना करनी जरूरी होती है। आय की गणना के पश्चात करदाता पर सरकार द्वारा निर्धारित दर से कर लगता है। हालांकि करदाता धारा 80सी आदि के तहत कर-बचत निवेश आदि कटौती का दावा करके टैक्स को बचा सकते हैं
 
  • चरण 2: टीडीएस प्रमाणपत्र और फॉर्म 26AS

    करदाता को वित्तीय वर्ष की सभी 4 तिमाहियों के लिए प्राप्त टीडीएस प्रमाणपत्रों से अपनी टीडीएस राशि की विस्तारपूर्वक जानकारी देना जरूरी होता है। फॉर्म 26AS करदाता को वित्तीय वर्ष के दौरान भुगतान किए गए टीडीएस और कर की पूर्ण जानकारी देता है।
 
  • चरण 3: सही आयकर फॉर्म चुनें

    करदाता को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए लागू आयकर फॉर्म / आईटीआर फॉर्म का पता लगाना होगा। आयकर फॉर्म का पता लगाने के बाद, करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आगे बढ़ सकता है। फाइलिंग के लिए 2 मोड उपलब्ध हैं- ऑनलाइन और ऑफलाइन। करदाता के लॉगिन आइडी की मदद से ऑनलाइन मोड केवल आईटीआर 1 और आईटीआर 4 के लिए उपलब्ध होता है। जबकि ऑफलाइन मोड के जरिये आप सभी प्रकार की आयकर रिटर्न भर सकते हैं।
 
  • चरण 4: आयकर पोर्टल से आईटीआर फार्म डाउनलोड करें

    साइट www.incometax.gov.in पर जाएं और शीर्ष मेनू बार से 'डाउनलोड' पर क्लिक करें। मूल्यांकन वर्ष चुनें और अपनी पसंद के फार्मेट में फार्म को Microsoft Excel या Java, या JSON फाइल के फार्मेट में डाउनलोड करें। हालांकि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक्सेल और जावा को आयकर विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 से बंद कर दिया गया है
 
  • चरण 5: डाउनलोड की गई फ़ाइल में अपना विवरण भरें

    डाउनलोड किए गए फार्म में अपनी आय का विवरण भरें। अब चुकाने वाले कर और रिफंड की राशि को अच्छे से जांचे। आप फॉर्म में आयकर चालान का विवरण भी भर सकते हैं।
 
  • चरण 6: दर्ज की गई जानकारी को मान्य करें

    आप डाउनलोड किए गए फॉर्म के दाईं ओर बटन देख सकते हैं। फार्म में भरी गई सारी आवश्यक जानकारी सही है इसे सुनिश्चित करने के लिए 'Validate' बटन पर क्लिक करें।
 
  • चरण 7: फ़ाइल को XML फार्मेट में कनवर्ट करें

    सफलतापूर्वक वेरिफिकेशन होने पर, फ़ाइल को XML फ़ाइल में कनवर्ट करना होता है। इसके लिए फ़ाइल के दाईं ओर 'जेनरेट एक्सएमएल' बटन पर क्लिक करें।
 
  • चरण 8: XML फ़ाइल को आयकर पोर्टल पर अपलोड करें

    अब, आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें और 'आयकर रिटर्न' विकल्प का चयन करने के लिए 'ई-फाइल' टैब पर क्लिक करें।

आवश्यक विवरण जैसे पैन, मूल्यांकन वर्ष, आईटीआर फॉर्म नंबर और सबमिशन मोड दर्ज करें। याद रखें कि आपको 'सबमिशन मोड' ऑप्शन में से 'अपलोड एक्सएमएल' विकल्प को चुनना है। अपनी एक्सएमएल फाइन को चुन कर उसे अपलोड कर दें और सब्मिट का बटन दबाएं। इससे आपकी रिटर्न फाइल हो जाएगी, जिसकी पुष्टि आपको आपकी ईमेल आइडी पर मिल जाएगी या स्क्रीन पर एक मैसेज द्वारा मिल दिख जाएगी। आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप जान गए होंगे कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कैसे करें। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए www.incometax.gov.in पर विजिट करें।
 


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Disbursement

The act of paying out money for any kind of transaction is known as disbursement. From a lending perspective this usual implies the transfer of the loan amount to the borrower. It may cover paying to operate a business, dividend payments, cash outflow etc. So if disbursements are more than revenues, then cash flow of an entity is negative, and may indicate possible insolvency.

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